Monday 10 December 2012

रावत नाच में तारबाहर ने मारी बाजी
बिलासपुर. 35वां रावत नाच महोत्सव लाल बहादुर शास्त्री प्रांगण में 8 दिसंबर को हर्षोल्लास पूर्वक सम्पन्न हुआ. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल एवं अध्यक्ष पूर्व मंत्री बी.आर. यादव थे. रावत नाच महोत्सव के संयोजक डॉ. कालीचरण यादव एवं पदाधिकारियों ने अतिथियों का परंपरागत वेशभूषा पहनाकर एवं बेज लगाकर स्वागत किया.
महोत्सव शाम 5 बजे शुरू होकर दूसरे दिन 9 दिसंबर को सुबह 12 बजे सम्पन्न हुआ. निर्णायक के रूप में शिव लाल यादव, गोपाल प्रसाद यादव, लखन लाल यादव एवं सतीश यादव ने दलों का मूल्यांकन किया. कार्यक्रम का संचालन डॉ. आर.जी. यादव एवं संतोष कुमार यादव ने किया. इस अवसर पर बुधराम यादव, तिजऊ राम यादव, विशंभर यादव, चंद्रिका यादव, कामता यादव, आर.एन. यादव, रामचंद यादव रामकुमार यादव, विजय यादव, उमेश यादव एवं अभिमन्यु यादव आदि पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी सदस्यों के साथ सैकड़ों कार्यकर्ताओं का विशेष सहयोग रहा.
इस वर्ष प्रथम पुरस्कार गौकरण यादव दल तारबाहर को रनिंग शील्ड के साथ 15001 रूपये, इनके साथ वादक दल को 501 रूपये. दूसरा पुरस्कार रेवा यादव मोपका बिलासपुर संभाग को रनिंग शील्ड के साथ 11001 रूपये और वादक दल को 301 रूपये.
दूसरा पुरस्कार तुकाराम यादव लावातारा रायपुर संभाग को रनिंग शील्ड के साथ 11001 रूपये और वादक दल को 301 रूपये, तृतीय पुरस्कार कृष्ण यादव बसिया बिलासपुर संभाग को रनिंग शील्ड के साथ 9001 रूपये और वादक दल को 201 रूपये तथा दयाराम यादव कछारडीह महासमुंद रायपुर संभाग को रनिंग शील्ड के साथ 9001 रूपये और वादक दल को 201 रूपये प्रदान किया गया.
इनके अलावा 45 रनिंग शील्ड के साथ 1001 रूपये वादक दलों को 101 रूपये की राशि सांत्वना पुरस्कार स्वरूप क्रमश: प्रदान की गई जिसमें विजय यादव टिकरापारा बिलासपुर नत्थूलाल यादव केकती श्यामलाल यादव सफेद खदान द्वारिका यादव खमतराई उदल यादव सिलपहरी खेदूराम यादव टिकरापारा बिलासपुर रमेश यादव डोंगरिया रायपुर अमरनाथ यादव लटुवा बलौदा बाजार मैकू यादव धुर्राबांधा बलौदा बाजार गनपत यादव झलमला कीर्तन यादव पल्लारी बलौदा बाजार लक्ष्मण यादव गणेशनगर नंदकुमार यादव घुटकू शोभाराम यदु सेमरा अभनपुर राधेश्याम यादव महामायापारा देवरी कला मुंगेली रमेश यादव मेन्ड्रा रामकिशुन यादव गतौरी सेमरताल मोहनराम यादव बलौदा बाजार फगुवा यादव चोरभट्ठी खुर्द छतलाल यादव मंगला जोधी राम यादव खैरी बलौदा बाजार प्रहलाद यादव पेन्ड्री राजपुर बउवा यादव ठेठाडबरी बिलासपुर जीवन यदु देवरी पंधी फगूराम यादव घुरू धरम यादव तिफरा बल्लू यादव सेंदरी विश्राम यादव चोरभट्ठी कला रमेश यादव भाड़म मन्नू यादव लोखण्डी धनेसर यादव कचन्दा जांजगीर विनोद पंडरभट्ठा बेमेतरा देवीलाल यादव चकराकुण्ड तुलाराम यादव बोदरी अनिल यादव भटगांव
मुंगेली रामधेश्याम यादव रमतला हीरा लाल यादव बेरला बेमेतरा दुकलहा तरेंगा सुखदेव यादव खम्हरिया काठाकोनी एवं मोहित यादव गुडेरिया बलौदा बाजार हैं.

कला कौशल और नृत्य ने बांधा समां

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति में सबसे अलग छाप रखने वाले यदुवंशियों का प्रमुख नृत्य रावत नाच का आयोजन 8 दिसंबर की शाम 4 बजे रावत नाच महोत्सव के रूप में मनाया गया. जहां हजारों की संख्या में भारी भीड़ जुड़ी रही. और यदुवंशी अपना कला और कौशल का एक से बढ़कर एक दोहे के माध्यम प्रदर्शन करते रहे. यदुवंशियों के इस परंपरागत नृत्य का आनंद लेने और उनकी कला कौशल का जौहर देखने लोग शाम 4 बजे से ही शनिचरी के लाल बहादुर शास्त्री मैदान में पहुंचे.रावत नाच महोत्सव के लिये आयोजन समिति ने तैयारियों में भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी. यही कारण था कि गोल बाजार एवं शनिचरी बाजार के प्रमुख मार्गो से ही नर्तक दलों एवं दर्शकों के लिये पार्किंग एवं बैठने की समुचित व्यवस्था की गई थी. जिसके कारण लोगों को असुविधा का सामना नहीं करना पड़ाऔर पूरे महोत्सव के दौरान खुशी और उमंग के साथ लोगो ने रावत नाच नृत्य का आनंद उठाया. महोत्सव में नर्तकों दलो के एक से बढ़कर एक टोली ने प्रदर्शन करते हुए लोगो का मनमोह लिया. नर्तक दलों में कई यदुवंशी बच्चों ने भी अपनी कला का खूब जौहर दिखाया और दोहे से लोगो के दिलो में जगह बना लिये. शहर ही नहीं पूरे छग के कई विभिन्न जगहों से पहुंचे यदुवंशियों ने अपने परंपरागत नृत्य प्रस्तुत किये.
शहर में घूम-घूम कर किया नृत्य-यदुवंशियो ने अपने परंपरागत रावत नृत्य का प्रदर्शन शनिवार को शहर के सभी इलाकों सहित घरों व दुकानों में पहुंचकर अपने नृत्य का प्रदर्शन किया. जिसके कारण घंटो यातायात भी कई जगहों पर बाधित रहा. रेलवे स्टेशन सहित रेलवे परिक्षेत्र के आसपास तोरवा देवरीखुर्द चुचुहियापारा हेमूनगर गणेशनगर झोपड़ापारा में भी कई जगह यदुवंशियों को नृत्य प्रदर्शन करते रहे. शहर में भी दयालबंद बस स्टैंड जरहाभाठा व्यापार विहार तिफरा मंगला इमलीपारा गोंड़पारा करबला सरकंडा कोनी नेहरूनगर मंगला सहित आसपास के गांवों से भी बड़ी संख्या में यदुवंशियों का नृतक दल नृत्य प्रदर्शन करते रहे.
प्रतिभाशाली छात्र पुरस्कृत-रावत नाच महोत्सव में सामान्य यादव परिवार वर्ग से हायर सेकेंड्री प्रमाण पत्र परीक्षा 12 वीं शिवा-विष्णु यादव 872. प्रतिशत सरकंडा, कु. आशा-टीकाराम यादव 85.4 प्रतिशत रतनपुर, हाईस्कूल प्रमाण पत्र परीक्षा 10 वीं आकाशा कुमार-राजेंद्र कुमार यादव 86.83 प्रतिशत गोंड़पारा कु. पिंकी-देवचरण यादव 91.5 प्रतिशत तखतपुर, पूर्व माध्यमिक परीक्षा 8 वीं अभिषेक-इंद्रपाल यादव 91.08 प्रतिशत भरनी कु. आकृति-राजेंद्र यादव 96.41 प्रतिशत कोरगमी हरदीकला प्राथमिक प्रमाण पत्र परीक्षा 5 वीं- राहुल-छतराम यादव 100 प्रतिशत जांजगीर कु.स्नेहा-संतराम यादव 97.33 प्रतिशत डिपरापारा इन्हें कक्षा वार क्रमश: 5 हजार, 3 हजार, 2 हजार और 1 हजार रू. की नगद एवं प्रमाण पत्र के साथ सम्मानित किया गया.इसी तरह रावत नाच गोल दल से संबद्ध परिवार के प्रतिभावान छात्रो को दी जाने वाली छात्रवृत्ति के लिये निम्न लिखित छात्र-छात्राओं का चयन किया गया. हायर सेकेंड्री प्रमाण पत्र परीक्षा 12 वीं- दीपक-संतोष यादव 72.4 प्रतिशत, मिनोचा कालोनी कु. ऋतु-शिवलाल यादव 85.6 प्रतिशत भांटापारा हाईस्कूल प्रमाण पत्र परीक्षा 10 वीं- अमन-विनोद यादव 78.33 परतिशत राजकिशोरनगर मनीष-संतोष कुमार यादव 75.5 प्रतिशत तिफरा कु. सीमा-मन्नू यादव 51.17 प्रतिशत सिलपहरी कु. दुर्गेश्वरी-खेदूराम यादव 50.3 परतिशत टिकरापारा बिलासपुर. पूर्व माध्यमिक प्रमाण पत्र परीक्षा 8 वीं- कमलकिशोर-रामकुमार यादव 92.8 प्रतिशत इमलीभाठा बंधवापारा राघवेंद्र-रामवचन यादव 81.25 प्रतिशत सिंघौरा बलौदाबाजार कु. सुमन-दुर्गा प्रसाद यादव 94.2 प्रतिशत राजकिशोरनगर कु. सृष्टि-बहोरन लाल यादव 82.83 प्रतिशत कुदुदंड, प्राथमिक प्रमाण पत्र परीक्षा 5 वीं- एस. रोहन-शिव यादव 93 प्रतिशत घुरू, गौरव-सुनील यादव 83.33 प्रतिशत सिरगिट्टी तारबाहर दुर्गे-भागीरती यादव 81.83 प्रतिशत सिंघोरा बलौदाबाजार कु. ज्योति-रामेश्वर यादव 78.83 प्रतिशत बसिया कु. राधिका-गोवर्धन यादव 76 प्रतिशत टिकरापारा बिलासपुर कु. लता-श्रवण कुमार यादव 71.66 प्रतिशत सिंघोरा बलौदाबाजार इन्हें भी क्रमश: 2-2 1-1 हजार रूपयों की राशि प्रमाण पत्रों के साथ प्रदान की गई.

Friday 7 December 2012

यादव समाज ने भी मांगा पट्टा

अम्बिकापुर. वनांचल क्षेत्रों में निवासरत यादव समाज के लोगों को काबिज भूमि का पट्टा देने डेयरी उद्योग में 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने व समाज के चरवाहा का काम करने वाले लोगों को पांच-पांच एकड़ भूमि का पट्टा प्रदान करने जैसी मांगों पर मुख्यमंत्री ने सहमति जताई है तथा अगले माह अधिकारियों के साथ बैठक आहूत कर विधि सम्मत निर्णय लेने आश्वस्त किया है.
यह जानकारी देते हुये यादव समाज के जिलाध्यक्ष देवनारायण यादव ने बताया कि छत्तीसगढ़ यादव समाज के प्रांताध्यक्ष रमेश यदु एवं प्रदेश संरक्षक तथा सांसद मधुसूदन यादव के नेतृत्व में समाज के लोगों ने तीन सुत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मुलाकात की.बताया गया कि प्रतिनिधि मंडल ने वनांचल क्षेत्रों में लंबे समय से निवासरत यादव को शासकीय भूमि पर कब्जे के आधार पर पट्टा प्रदान करने एवं डेयरी उद्योग में यादव समाज को 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने व पुराने समय से गांव-गांव पट्टा प्रदान करने मांग रखी उक्त मांगों पर मुख्यमंत्री ने यह कह कर आश्वस्त किया कि आप लोगों की मांग जायज है एवं उस संबंध में आगामी माह यादव समाज के प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ बैठ कर जो विधि सम्मत होगा उसे शासन  स्तर पर पूरा करने का प्रयास किया जायेगा. विदित हो कि यादव समाज उक्त मांगों को लेकर 24 दिसम्बर 2012 को छग प्रान्त के समस्त ब्लाक मुख्यालयों में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करेगी. मुख्यमंत्री के यादव समाज के प्रत्येक जिले के पदाधिकारियों के साथ बैठकर सभी समस्याओं व मांगों पर विचार कर पूरा करने का आयवासन देने पर मांग पूरी होने की उम्मीद हो प्रतिनिधिमण्डल में सरगुजा जिले के अध्यक्ष देवनारायण यादव बलरामपुर जिले  के अध्यक्ष ललन यादव सूरजपुर अध्यक्ष राजेश यादव के अतिरिक्त प्रदेश संरक्षक एसएन यादव जिला संरक्षक धनीराम यादव,प्रदेश संगठन मंत्री शिवनाथ यादव, जिला उपाध्यक्ष अटल यादव, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य जमुना यादव, दुर्गा यादव,नरेश यादव, मनोज यादव, व बड़ी संख्या में यादव समाज के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे.
 

Wednesday 5 December 2012

फुलबासन बाई को जिंदल पुरस्कार

राजनांदगांव जिले की मां बम्लेश्वरी महिला सहायता समूह की प्रमुख पद्मश्री फुलबासन बाई को नई दिल्ली में सोमवार को एसआर जिंदल पुरस्कार से श्रीश्री रविशंकर ने सम्मानित किया.

Tuesday 4 December 2012

शौर्य कला व कौशल का प्रदर्शन होगा

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ का सबसे प्रसिद्ध लोक नृत्य 8 दिसंबर को रावत नाच महोत्सव के रूप मे होने जा रहा है. लाल बहादुर शास्त्री शाला के मैदान में रावत नर्तकों का महाकुंभ लगेगा और उनके देवारी तिहारी का चर्मोत्कर्ष दिखाई पड़ेगा. जिस दिन समूचा प्रदेश दीपावली पर्व मनाता है उस दिन को यहां का रावत समाज सूरहूती पर्व मनाता है इसके बाद तुलसी विवाह जेठौनी एकादशमी के दिन से वह अपना देवारी तिहार मनाता है. छत्तीसगढ़ ऋषि एवं कृषि संस्कृति का प्रदेश है. रावत इसी संस्कृति से जुड़ा हुआ समाज है. खेती और पशु इस संस्कृति के अहम पहलू है जो रावत समाज के बिना पूर्ण नहीं होता.
6 हजार  से अधिक नर्तक एक ही दिन एक ही स्थल पर जमा होकर अपनी कला एवं कौशल का प्रदर्शन करें. देश में भी किसी अन्य लोक  नृत्य का इतना वृहत रूप नहीं दिखाई देता जितना कि रावत नाच महोत्सव में दिखाई देता है.
 शास्त्री शाला परिसर में 8 दिसंबर की रात इंद्रधनुष की आभा दिखाई देगी. रंग बिरंगे पोषाकों में सजे धजे नर्तकों का झिलमिल प्रदर्शन महोत्सव में चार चांद लगाएगा. ग्रामीण अंचलों से ऐसी खबरें मिल रही हैं रावत नर्तक गोल अन्य वर्षों की अपेक्षा अधिक उत्साह से महोत्सव में शामिल होने को कमर कस चुके हैं. इसकी एक वजह यह है कि समूचे अंचल में धान की फसल अच्छी हुई है.

रावत नाच महोत्सव छात्रवृत्ति हेतु छात्रों का चयन

बिलासपुर. रावत नाच महोत्सव समिति द्वारा 8 दिसंबर को रावत नाच महोत्सव के अवसर पर 24 छात्र-छात्राओं को 50 हजार रू. की राशि छात्र वृत्ति स्वरूप प्रदान की जायेगी. रावत नाच महोत्सव छात्रवृत्ति 2012 हेतु चयनित प्रतिभावान छात्रों के नामों की घोषणा कर दी गयी डा. आर.जीय यादव की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा अंतिम तिथि 31 जुलाई 2012 तक प्राप्त आवेदन पत्रों में से सर्वाधिक अंक अर्जित करने वाले छात्र-छात्राओं का चयन किया गया है.
सामान्य यादव परिवार वर्ग से हायर सेकेंड्री प्रमाण पत्र परीक्षा 12 वीं शिवा-विष्णु यादव 872. प्रतिशत सरकंडा, कु. आशा-टीकाराम यादव 85.4 प्रतिशत रतनपुर, हाईस्कूल प्रमाण पत्र परीक्षा 10 वीं आकाशा कुमार-राजेंद्र कुमार यादव 86.83 प्रतिशत गोंड़पारा कु. पिंकी-देवचरण यादव 91.5 प्रतिशत तखतपुर, पूर्व माध्यमिक परीक्षा 8 वीं अभिषेक-इंद्रपाल यादव 91.08 प्रतिशत भरनी कु. आकृति-राजेंद्र यादव 96.41 प्रतिशत कोरगमी हरदीकला प्राथमिक प्रमाण पत्र परीक्षा 5 वीं- राहुल-छतराम यादव 100 प्रतिशत जांजगीर कु.स्नेहा-संतराम यादव 97.33 प्रतिशत डिपरापारा इन्हें कक्षा वार क्रमश: 5 हजार, 3 हजार, 2 हजार और 1 हजार रू. की नगद एवं प्रमाण पत्र के साथ सम्मानित किया जायेगा.
इसी तरह रावत नाच गोल दल से संबद्ध परिवार के प्रतिभावान छात्रो को दी जाने वाली छात्रवृत्ति के लिये निम्न लिखित छात्र-छात्राओं का चयन किया गया. हायर सेकेंड्री प्रमाण पत्र परीक्षा 12 वीं- दीपक-संतोष यादव 72.4 प्रतिशत, मिनोचा कालोनी कु. ऋतु-शिवलाल यादव 85.6 प्रतिशत भांटापारा हाईस्कूल प्रमाण पत्र परीक्षा 10 वीं- अमन-विनोद यादव 78.33 परतिशत राजकिशोरनगर मनीष-संतोष कुमार यादव 75.5 प्रतिशत तिफरा कु. सीमा-मन्नू यादव 51.17 प्रतिशत सिलपहरी कु. दुर्गेश्वरी-खेदूराम यादव 50.3 परतिशत टिकरापारा बिलासपुर.
पूर्व माध्यमिक प्रमाण पत्र परीक्षा 8 वीं- कमलकिशोर-रामकुमार यादव 92.8 प्रतिशत इमलीभाठा बंधवापारा राघवेंद्र-रामवचन यादव 81.25 प्रतिशत सिंघौरा बलौदाबाजार कु. सुमन-दुर्गा प्रसाद यादव 94.2 प्रतिशत राजकिशोरनगर कु. सृष्टि-बहोरन लाल यादव 82.83 प्रतिशत कुदुदंड, प्राथमिक प्रमाण पत्र परीक्षा 5 वीं- एस. रोहन-शिव यादव 93 प्रतिशत घुरू, गौरव-सुनील यादव 83.33 प्रतिशत सिरगिट्टी तारबाहर दुर्गे-भागीरती यादव 81.83 प्रतिशत सिंघोरा बलौदाबाजार कु. ज्योति-रामेश्वर यादव 78.83 प्रतिशत बसिया कु. राधिका-गोवर्धन यादव 76 प्रतिशत टिकरापारा बिलासपुर कु. लता-श्रवण कुमार यादव 71.66 प्रतिशत सिंघोरा बलौदाबाजार इन्हें भी क्रमश: 2-2 1-1 हजार रूपयों की राशि प्रमाण पत्रों के साथ प्रदान की जावेगी.
डा. आर.जी. यादव डा. कालीचरण यादव आर.एन. यादव माखन लाल यादव विजय यादव मनीराम यादव संतोष यादव उमेश यादव रामचरण यादव एवं राम कुमार यादव छात्रवृत्ति परीक्षण समिति की बैठक में उपस्थित थे.

Sunday 2 December 2012

पद्मश्री फूलबासन को सीताराम जिदल फाउन्डेशन सम्मान

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले की मां बम्लेश्वरी महिला सहायता समूह की
प्रमुख पद्मश्री फुलबासन बाई को कल 03 दिसंबर को नयी दिल्ली में सीताराम
ङ्क्षजदल फाउन्डेशन पुरस्कार से सम्मानित किया जायेगा.
जिले के छोटे से गांव सुकुल देहान में मुर्गी, बकरी एवं गाय पालन करने वाली एवं राष्ट्रीय स्तर पर अनेक पुरस्कारों से सम्मानित श्रीमती फुलबासन बाई ने दिल्ली रवाना होने से पूर्व कहा कि पुरस्कार से प्राप्त 20 लाख रपये की धनराशि से वह महिला सहायता समूहों के प्रशिक्षण के लिये भवन बनवायेगी.
उन्होंने बताया कि राजनीति से दूर रह कर उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान चलाया है जिसमें महिलाओं के 11 हजार से अधिक समूहों से करीब डेढ़ लाख महिलाएं जुड़ी हैं. उन्होने बताया कि इन महिलाओं के मार्गदर्शन के लिये वह प्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हजारे को आमंत्रित करने इसी माह रालेगन सिद्धि उनके गांव जाय्ङ्क्षेगी. उन्होंने बताया कि पूर्व में सम्मान में मिली 11 लाख रुपये की राशि से उन्होंने महिलाओं के प्रशिक्षण के लिये राजनांदगांव में भूमि खरीदी है तथा कल मिलने वाली सम्मान राशि से
वहां भवन का निर्माण किया जायेगा.
श्रीमती फुलबासन ने बताया कि पहले उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री रमन ङ्क्षसह से ग्रामीण महिलाओं के प्रशिक्षण के लिये नि:शुल्क भूमि की मांग भी की  थी लेकिन राज्य सरकार से सहयोग नहीं मिलने पर सरकार से कभी कोई आशा नहीं रखी. उन्हें अब तक राजीव गांधी एकता सम्मान, राष्ट्रीय स्त्री शक्ति पुरस्कार, जमनालाल बजाज पुरस्कार, राष्ट्रीय सद्गुरु पुरस्कार, पद्मश्री आदि सम्मान मिल चुके हैं. उन्होंने बताया कि अब तक बालिका शिक्षा, शराब बंदी, दत्तक पुत्री योजना तथा बाल विवाह रोकने आदि के लिये वह कार्य कर चुकी हैं तथा इसमें काफी हद तक सफलता भी मिली है. उन्होंने बताया कि राजनांदगांव जिले में उनसे जुडे़ 1382
समूह की डेढ़ लाख महिलाओं ने छोटी-छोटी बचत करके अब तक बैंकों में कुल 25 करोड़ रुपयों की राशि जमा की है.
श्रीमती फुलबासन ने बताया कि 16 दिसंबर को वह अपने महिला समूह का
स्थापना दिवस मनायेंगी तथा उस दिन अपना अखबार भी निकालेंगी.

Friday 23 November 2012

यादवों पर बंद करें प्रशासनिक अत्याचार : गृहमंत्री

मैनपाट. नर्मदापुर के बिहीबाड़ी में आयोजित गोवर्धन पूजा एवं सात दिवसीय श्रीमद भगवत कथा के समापन के अवसर पर यादवों ने अपनी समस्या गिनाई. समापन अवसर पर मैनपाट सहित सरगुजा, सूरजपुर व बलरामपुर जिले के क्षेत्रों से भी यादव समाज के लोग पहुचें. साथ ही कार्यक्रम के दौरान ही यादव समाज के प्रदेशाध्यक्ष रमेश यदु ने मैनपाट व अन्य क्षेत्रों के यादवों पर हो रहे अत्याचार का मामला प्रमुखता से उठाया. श्री यदु ने कहा कि हमारे समाज के लोग प्रशासनिक अधिकारियों के प्रताडऩा का शिकार हो रहे हैं. मैनपाट में ही पूर्व के राजस्व अधिकारी के द्वारा ही घर जला दिया और उस पर कोई भी कार्यवाही नही हुई है और अब के अधिकारियों के द्वारा भी वैमनस्वतापूर्वक क्षेत्र के लागों के जबरन घर तोड़े जा रहे हैं. कब तक हमारे लोगों के घर जलते व टूटते रहेगें, कब तक हम अत्याचार पर अपनी चुप्पी साधे रहेगें. रमेश यदु ने गृहमंत्री के समक्ष गुहार लगाते हुये कहा कि मंत्री जी गांव के गरीब लोगों की आह लेने वाला व्यक्ति कभी सुखी नहीं रह सकता और एेसे लोगों को यहां से हटा देना ही उचित है. ऐसे अधिकारियों को यहां नहीं बीजापुर व दंतेवाड़ा के लायक हैं उनकी पोस्टिंग वहीं होनी चाहिये. साथ ही श्री यदु ने यादवों को वन अधिकार पत्र देने की भी मंाग उठाई. श्री यदु ने कहा कि यादव समाज के लोग वर्षाें से जंगलों में जहां काबिज थे उस जमीन से यादवों को बेदखल ना किया जाये. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गृहमंत्री व सरगुजा के प्रभारी मंत्री ननकी राम कंवर ने यादवों पर हो रहे अत्याचार पर अप्रसनता जाहिर करते हुये कहा कि यादवों पर अत्याचार नहीं होने दिया जायेगा. गृहमंत्री ने गौ पालन बढ़ाने की अपील करते हुये कहा कि जिस बीमारी का ईलाज कहीं नहीं है वह बीमारी भी गाय के मूत्र से ठीक हो जाती है. गौ पालन के लिये सरकार के द्वारा हर संभव मदद की बात कही.  नशामुक्ति पर जोर देते हुये कहा कि आदमी का भविष्य नशा के द्वारा चौपट हो जाता है. कइयों के परिवार नशा के कारण ही बरबाद हो गये है.
इससे दूर रहने की आवश्यकता है. साथ ही मंत्री ने मलेरिया की आयुर्वेदिक औषधि कार्यक्रम के दौरान ही उपस्थित जनसमूह के बीच बटवाया व उसके गुण बताये. संसदीय सचिव सिद्धनाथ पैकरा ने कहा कि यादव समाज के लोग शिक्षित हो रहे हैं उसका साक्षात प्रमाण कथा में उपस्थित महिलाआें की संख्या है. मै सदैव यादवों के साथ रहा हंू और आगे भी रहुंगा.  ऐसे धार्मिक आयोजन हमेशा होते रहने चाहिये और  मैं हर संभव मदद करता रहुंगा. कार्यक्रम के दौरान क्षेत्रीय विधायक अमरजीत भगत ने भी शिरकत की. कथा के समापन से पहले भगवान कृष्ण के जन्म से लेकर विवाह तक की झांकी निकाली गई. जो कि खासा आकर्षण का केन्द्र रही.
भगवान कृष्ण जन्म के अवसर पर ग्वाल बालों द्वारा मक्खन व दही लगाकर ब्रज की होली खेल कर खुशी मनाई गई. विवाह के अवसर पर गोपियों द्वारा डांडिया किया गया. समापन अवसर पर भंडारे का भी आयोजन किया गया. देर रात्रि तक झारखंड से आये कलाकारों ने भोजपुरी गीतों के माध्यम से शमा बांधा.  कार्यक्रम में यादव समाज के सरंक्षक एसएन यादव, प्रदेशाध्यक्ष रमेश यदु, धनी राम यादव, जिलाध्यक्ष देवनारायण यादव, कुंज बिहारी यादव, जमुना यादव, ललन यादव, नागेश्वर यादव, अटल बिहारी यादव, राजाराम यादव, रेवती यादव, राजेश यादव, नरेश यादव, दुर्गा यादव, बसंत यादव, रामचन्द्र यादव गंगा यादव,  गोवर्धन यादव, गीता यादव, शिवकुमार यादव, सरवन यादव, मनोज यादव, दुर्गा यादव, रामबली यादव, रमेश यादव, सत्यनारायण यादव सहित बड़ी सख्ंया में यादव समाज के लोग उपस्थित थे.

Monday 20 August 2012

11.8.2012


बिलासपुर यादव समाज द्वारा प्रतिभाओ का सम्मान किया गया।

11.08.2012

बिलासपुर. यादव समाज द्वारा आयोजित कृष्ण जन्मास्टमी महोत्सव में उपस्थित समाज के पदाधिकारी और सदस्य.

11.08.2012

बिलासपुर (छत्तीसगढ)यादव समाज द्वारा 11 अगस्त को कृष्ण् जन्माष्टमी के अवसर पर शहर में शोभायात्रा निकाली गई इसमें यादव समाज के युवाओं द्वारा शौर्य प्रदर्शन के साथ नृत्य पेश किया गया. इस कार्यक्रम में समाज के युवाओं, महिलाओं एवं ​वरिष्ठ नागरिकों ने बढचढकर हिस्सा लिया. कर्यक्रम को संबोधित करते रामशरन यादव   

11.8.2012

बिलासपुर (छत्तीसगढ)यादव समाज द्वारा 11 अगस्त को कृष्ण् जन्माष्टमी के अवसर पर शहर में शोभायात्रा निकाली गई इसमें यादव समाज के युवाओं द्वारा शौर्य प्रदर्शन के साथ नृत्य पेश किया गया. इस कार्यक्रम में समाज के युवाओं, महिलाओं एवं ​वरिष्ठ नागरिकों ने बढचढकर हिस्सा लिया.

11.08.2012

बिलासपुर (छत्तीसगढ)यादव समाज द्वारा 11 अगस्त को कृष्ण् जन्माष्टमी के अवसर पर शहर में शोभायात्रा निकाली गई इसमें यादव समाज के युवाओं द्वारा शौर्य प्रदर्शन के साथ नृत्य पेश किया गया. इस कार्यक्रम में समाज के युवाओं, महिलाओं एवं ​वरिष्ठ नागरिकों ने बढचढकर हिस्सा लिया.

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बिलासपुर (छत्तीसगढ)यादव समाज द्वारा 11 अगस्त को कृष्ण् जन्माष्टमी के अवसर पर शहर में शोभायात्रा निकाली गई इसमें यादव समाज के युवाओं द्वारा शौर्य प्रदर्शन के साथ नृत्य पेश किया गया. इस कार्यक्रम में समाज के युवाओं, महिलाओं एवं ​वरिष्ठ नागरिकों ने बढचढकर हिस्सा लिया.

11.08.2012

बिलासपुर (छत्तीसगढ)यादव समाज द्वारा 11 अगस्त को कृष्ण् जन्माष्टमी के अवसर पर शहर में शोभायात्रा निकाली गई इसमें यादव समाज के युवाओं द्वारा शौर्य प्रदर्शन के साथ नृत्य पेश किया गया. इस कार्यक्रम में समाज के युवाओं, महिलाओं एवं ​वरिष्ठ नागरिकों ने बढचढकर हिस्सा लिया.

Sunday 19 August 2012

11.08.2012

बिलासपुर (छत्तीसगढ)यादव समाज द्वारा 11 अगस्त को कृष्ण् जन्माष्टमी के अवसर पर शहर में शोभायात्रा निकाली गई इसमें यादव समाज के युवाओं द्वारा शौर्य प्रदर्शन के साथ नृत्य पेश किया गया. इस कार्यक्रम में समाज के युवाओं, महिलाओं एवं ​वरिष्ठ नागरिकों ने बढचढकर हिस्सा लिया.

Friday 17 August 2012

जन्माष्टमी महोत्सव 11 अगस्त 2012

बिलासपुर. छत्तीसगढ. यादव समाज द्वारा आयोजित कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा में समाज के युवाओं ने जोर—शोर से हिस्सा लिया.

Thursday 16 August 2012

यादव समाज द्वारा धूमधाम से मनाया गया जन्माष्टमी महोत्सव


बिलासपुर, (छत्तीसगढ़). प्रदेश के नगरीय प्रशासन, स्वास्थ्य एवं वाणिज्यिककर मंत्री अमर अग्रवाल ने आज इमलीपारा स्थित यादव भवन में यादव समाज द्वारा आयोजित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी एवं शोभायात्रा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. उन्होंने यादव सामुदायिक भवन के प्रथम तल कक्ष का शिलान्यास किया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादों माह के अष्टमी के दिन हुआ. इसलिए हम प्रत्येक वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाते है. छत्तीसगढ़ के अलावा  पूरे देश में लाखों -करोड़ों भक्तों द्वारा कृष्ण जी के जन्म दिवस पर अनेकों कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाता है.
उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में यादव समाज ही एक एेसा समाज है जो नृत्य के माध्यम से दूसरों के दीर्घायु जीवन की मंगलकामना करते हैं. यह गौरवशाली परम्परा सिर्फ इसी समाज में देखने को मिलता है. उन्होंने कहा कि बड़ी खुशी की बात है यादव समाज में सामाजिक एकता बहुत मजबूत है. बिलासपुर में रावत नाच महोत्सव में प्रदेश के पूरे यादव बंधुआें द्वारा परंपरागत वेशभुषा में सामुहिक नृत्य प्रस्तुत कर एकता का परिचय दिया जाता है. कार्यक्रम में श्री अग्रवाल द्वारा यादव समाज के राष्ट्रीय  अध्यक्ष माधव यादव सहित समाज के भरत यादव, रामकुमार यदु, राधेश्याम यादव, लल्लु यादव, मोहित यादव, चिन्ताराम यादव आदि का सम्मान श्रीफल, शाल एवं धोती  भेंटकर किया गया. साथ ही समाज के प्रतिभावान छात्र अभिषेक यादव, मनीष यादव का सम्मान किया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डॉ$ सोमनाथ यादव ने कहा कि यादव समाज आगे बढ़े इस हेतु समाज के प्रत्येक लोगों को एकता के सूत्र में बंधना होगा, तभी हम विकास की आेर अग्रसर होंगे. उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक लोगों का कर्तव्य है कि  अपने बच्चों के शिक्षा पर विशेष ध्यान दें. इससे समाज में जागरूकता बढ़ेगी. कार्यक्रम में बिलासपुर यादव समाज के अध्यक्ष रामशरण यादव ने कहा कि सामाजिक विकास पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. उन्होंने शिक्षा एवं संस्कार पर विशेष ध्यान देने की बात कही. कार्यक्रम में स्वागत भाषण शैलेन्द्र यादव ने पढ़ा. कार्यक्रम का संचालन तेरस यादव ने किया. इस अवसर पर भुवनेश्वर यादव, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पी$ आर$ यादव, जनपद पंचायत सदस्य श्रीमती त्रिवेणी यादव, मनहरण यादव, तेरस यादव, चन्द्रिका यादव, मनीष अग्रवाल, राकेश तिवारी, तेजनाथ यादव, शिव यादव, उमाशंकर यादव सहित पूरे जिले से यादव समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे.
बच्चों के लिए विशेष आयोजन जिला यादव समाज द्वारा आज बच्चों के लिये रंगोली पेटिंग एवं फैंसी ड्रेस स्पर्धा का आयोजन किया गया. साथ ही प्रतिभावान विद्यार्थी जो कि बोर्ड परीक्षाओं तथा स्नातक स्नातकोत्तर की परीक्षा में 60 प्रतिशत से अधिक अंक लेकर उत्तीर्ण हुए तथा राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर खेल स्पर्धा में राज्य का प्रतिनिधित्व किये है उनके सहित लगभग सौ छात्र-छात्राओं का यादव समाज के उन बुजुर्गों का जिन्होनें सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया उनका सम्मान किया गया. शोभायात्रा राघवेंद्र राव सभा भवन से सुबह 11 प्रारंभ हुई तथा गोलबाजार तेलीपारा होते हुए श्री कृष्ण यादव भवन में संपन्न हुई. शोभायात्रा का नेतृत्व शैलेंद्र यादव ने किया. जिसमें पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डा. सोमनाथ यादव, सहित उमाशंकर, रामशरण, रामकुमार, शैलेंद्र, दीपक, रामचरण, विजय, सनत, संतोष, रामपुरी, कुलदीप, प्रकाश, शरद, तेरस, अशोक, भागवत, तुलसी, लक्ष्मण, तेजनाथ, अमित, तरूण, राजकुमार, नान्हूराम, नवीन, नवनीत बरगाह, राजेंद्र, सुखदेव, धरमलाल, फिरतू, राजाराम, गोवर्धन, बालकृष्ण, कमल, लल्लू, पुनीराम, अनिल, आई.पी., चंद्रिका, ललित, भईयाराम, लक्ष्मण, प्रेमलाल, शरद यादव, नन्दू यादव, श्रीमती अहिल्या यादव, श्रीमती पूॢणमा यादव, श्रीमती अन्नपूर्णा यादव, श्रीमती कामिनी, श्रीमती दुर्गा, श्रीमती सावित्री, श्रीमती मंजू, श्रीमती त्रिवेणी यादव सहित सभी यादव समाज के पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे.

Sunday 29 July 2012

देवगिरी यादव वंश

यादव वंश भारतीय इतिहास में बहुत प्राचीन है और यह अपना सम्बन्ध प्राचीन यदुवंशी क्षत्रियों से मानता है। राष्टकूटों और चालुक्यों के उत्कर्ष काल में यादव वंश के राजा अधीनस्थ सामन्त राजाओं की स्थिति रखते थे, लेकिन जब चालुक्यों की शक्ति क्षीण हुई तो वे स्वतंत्र हो गए और वर्त्तमान हैदराबाद के क्षेत्र में स्थित देवगिरि (आधुनिक दौलताबाद) को केन्द्र बनाकर उन्होंने अपने उत्कर्ष का प्रारम्भ किया।

भिल्ल्म तथा बल्लाल का संघर्ष

1187 ई. में यादव राजा 'भिल्लम' ने अन्तिम चालुक्य राजा सोमेश्वर चतुर्थ को परास्त कर कल्याणी पर भी अधिकार कर लिया। इसमें सन्देह नहीं कि भिल्लम एक अत्यन्त प्रतापी राजा था और उसी के कर्त्तृत्व के कारण यादवों के उत्कर्ष का प्रारम्भ हुआ था। पर शीघ्र ही भिल्लम को एक नए शत्रु का सामना करना पड़ा। द्वारसमुद्र (मैसूर) में यादव क्षत्रियों के एक अन्य वंश का शासन था, जो होयसाल कहलाते थे। चालुक्यों की शक्ति क्षीण होने पर दक्षिणापथ में जो स्थिति उत्पन्न हो गई थी, होयसालों ने भी उससे लाभ उठाया और उनके राजा वीर बल्लाल द्वितीय ने उत्तर की ओर अपनी शक्ति का विस्तार करते हुए भिल्लम के राज्य पर भी आक्रमण किया। इस प्रकार बल्लाल और भिल्लम के मध्य एक ज़ोरदार संघर्ष हुआ। वीर बल्लाल के साथ युद्ध करते हुए भिल्लम ने वीरगति प्राप्त की और उसके राज्य पर, जिसमें कल्याणी का प्रदेश भी शामिल था, होयसालों का अधिकार हो गया। इस प्रकार 1191 ई. में भिल्लम द्वारा स्थापित यादव राज्य का अन्त हुआ।

जैत्रपाल की वीरता

भिल्लम की इस पराजय से यादव वंश की शक्ति का मूलोच्छेद नहीं हो सका। भिल्लम का उत्तराधिकारी 'जैत्रपाल प्रथम' था, जिसने अनेक युद्धों के द्वारा अपने वंश के गौरव का पुनरुद्धार किया। होयसालों ने कल्याणी और देवगिरि पर स्थायी रूप से शासन का प्रयत्न नहीं किया था, इसलिए जैत्रपाल को फिर से अपने राज्य के उत्कर्ष का अवसर मिल गया। उसका शासन काल 1191 से 1210 तक था। अपने पड़ोसी राज्यों से निरन्तर युद्ध करते हुए जैत्रपाल प्रथम ने यादव राज्य की शक्ति को भली-भाँति स्थापित कर लिया।

सिंघण द्वारा राज्य विस्तार

जैत्रपाल प्रथम का पुत्र 'सिंघण' (1210-1247 ई.) था। वह इस वंश का सबसे शक्तिशाली प्रतापी राजा हुआ। 37 वर्ष के अपने शासन काल में उसने चारों दिशाओं में बहुत से युद्ध किए और देवगिरि के यादव राज्य को उन्नति की चरम सीमा पर पहुँचा दिया। होयसल राजा वीर बल्लाल ने उसके पितामह भिल्लम को युद्ध में मारा था और यादव राज्य को बुरी तरह से आक्रान्त किया था। अपने कुल के इस अपमान का प्रतिशोध करने के लिए सिंघण ने द्वारसमुद्र के होयसाल राज्य पर आक्रमण किया और वहाँ के राजा वीर बल्लाल द्वितीय को परास्त कर उसके अनेक प्रदेशों पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया। होयसल राजा कि विजय के बाद सिंघण ने उत्तर दिशा में विजय यात्रा के लिए प्रस्थान किया। गुजरात पर उसने कई बार आक्रमण किए और मालवा को अपने अधिकार में लाकर काशी और मथुरा तक विजय यात्रा की। इतना ही नहीं, उसने कलचुरी राज्य को परास्त कर अफ़ग़ान शासकों के साथ भी युद्ध किए, जो उस समय उत्तर भारत के बड़े भाग को अपने स्वामीत्व में ला चुके थे।
कोल्हापुर के शिलाहार, बनवासी के कदम्ब और पांड्य देश के राजाओं को भी सिंघण ने आक्रान्त किया और अपनी इन दिग्विजयों के उपलक्ष्य में कावेरी नदी के तट पर एक विजय स्तम्भ की स्थापना की। इसमें सन्देह नहीं कि यादव राज सिंघण एक विशाल साम्राज्य का निर्माण करने में सफल हुआ था और न केवल सम्पूर्ण दक्षिणापथ अपितु कावेरी तक का दक्षिणी भारत और विंध्याचल के उत्तर के भी कतिपय प्रदेश उसकी अधीनता में आ गए थे। सिंघण न केवल अनुपम विजेता था, अपितु साथ ही विद्वानों का आश्रयदाता और विद्याप्रेमी भी था। 'संगीतरत्नाकर' का रचयिता सारंगधर उसी के आश्रय में रहता था। प्रसिद्ध ज्योतिषी चांगदेव भी उसकी राजसभा का एक उज्ज्वल रत्न था। भास्कराचार्य द्वारा रचित 'सिद्धांतशिरोमणि' तथा ज्योतिष सम्बन्धी अन्य ग्रंथों के अध्ययन के लिए उसने एक शिक्षाकेन्द्र की स्थापना भी की थी।

सिंघण के उत्तराधिकारी

सिंघण के बाद उसके पोते 'कृष्ण' (1247-1260) ने और फिर कृष्ण के भाई 'महादेव' (1260-1271) ने देवगिरि के राजसिंहासन को सुशोभित किया। इन राजाओं के समय में भी गुजरात और शिलाहार राज्य के साथ यादवों के युद्ध जारी रहे। महादेव के बाद 'रामचन्द्र' (1271-1309) यादवों का राजा बना। उसके समय में 1294 ई. में दिल्ली के प्रसिद्ध अफ़ग़ान विजेता अलाउद्दीन ख़िलजी ने दक्षिणी भारत में विजय यात्रा की। इस समय देवगिरि का यादव राज्य दक्षिणापथ की प्रधान शक्ति था। अतः स्वाभाविक रूप से अलाउद्दीन ख़िलज़ी का मुख्य संघर्ष यादव राजा रामचन्द्र के साथ ही हुआ। अलाउद्दीन जानता था कि सम्मुख युद्ध में रामचन्द्र को परास्त कर सकना सुगम नहीं है। अतः उसने छल का प्रयोग किया और यादव राज के प्रति मैत्रीभाव प्रदर्शित कर उसका आतिथ्य ग्रहण किया। इस प्रकार जब रामचन्द्र असावधान हो गया तो अलाउद्दीन ने उस पर अचानक हमला कर दिया। इस स्थिति में यादवों के लिए अपनी स्वतंत्रता को क़ायम रखना असम्भव हो गया और रामचन्द्र ने विवश होकर अलाउद्दीन ख़िलज़ी के साथ सन्धि कर ली।

अलाउद्दीन द्वारा रामचन्द्र का स्वागत

इस सन्धि के परिणामस्वरूप जो अपार सम्पत्ति अफ़ग़ान विजेता ने प्राप्त की, उसमें 600 मन मोती, 200 मन रत्न, 1000 मन चाँदी, 4000 रेशमी वस्त्र और उसी प्रकार के अन्य बहुमूल्य उपहार सम्मिलित थे। इसके अतिरिक्त रामचन्द्र ने अलाउद्दीन ख़िलज़ी को वार्षिक कर भी देना स्वीकृत किया। यद्यपि रामचन्द्र परास्त हो गया था, फिर भी उसमें अभी स्वतंत्रता की भावना अवशिष्ट थी। उसने ख़िलज़ी के आधिपत्य का जुआ उतार फैंकने के विचार से वार्षिक कर देना बन्द कर दिया। इस पर अलाउद्दीन ने अपने सेनापति मलिक काफ़ूर को उस पर आक्रमण करने के लिए भेजा। काफ़ूर का सामना करने में रामचन्द्र असमर्थ रहा और उसे गिरफ़्तार करके दिल्ली भेज दिया गया। वहाँ पर ख़िलज़ी सुल्तान ने उसका स्वागत किया और उसे 'रायरायाओ' की उपाधि से विभूषित किया। अलाउद्दीन रामचन्द्र की शक्ति से भली-भाँति परिचित था और इसीलिए उसे अपना अधीनस्थ राजा बनाकर ही संतुष्ट हो गया। पर यादवों में अपनी स्वतंत्रता की भावना अभी तक भी विद्यमान थी।

अंत

रामचन्द्र के बाद उसके पुत्र 'शंकर' ने अलाउद्दीन ख़िलज़ी के विरुद्ध विद्रोह किया। एक बार फिर मलिक काफ़ूर देवगिरि पर आक्रमण करने के लिए गया और उससे लड़ते-लड़ते शंकर ने 1312 ई. में वीरगति प्राप्त की। 1316 में जब अलाउद्दीन की मृत्यु हुई तो रामचन्द्र के जामाता 'हरपाल' के नेतृत्व में यादवों ने एक बार फिर स्वतंत्र होने का प्रयत्न किया, पर उन्हें सफलता नहीं मिली। हरपाल को गिरफ़्तार कर लिया गया और अपना रोष प्रकट करने के लिए सुल्तान मुबारक ख़ाँ ने उसकी जीते-जी उसकी ख़ाल खिंचवा दी। इस प्रकार देवगिरि के यादव वंश की सत्ता का अन्त हुआ और उनका प्रदेश दिल्ली के अफ़ग़ान साम्राज्य के अंतर्गत आ गया।

Friday 18 May 2012

यदुकुल के दसवें मुख्यमंत्री -अखिलेश यादव

      
       यादव इतिहास बड़ा गौरवशाली है. इस कुल में समय-समय पर, जीवन के हर क्षेत्र में,  ऐसी अनेक विभूतियों ने जन्म लिया जिन्होंने अपने सामर्थ्य,  योग्यता एवं कुशलता  के बल से न केवल विश्व के इतिहास पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी, बल्कि यदुकुल का भी नाम रोशन किया. राजनैतिक  क्षेत्र में भी ऐसे ही  अनेक  यदुवंशियों  ने समाज व देश  की सेवा करते  हुए उच्च पदों पर आसीन हुए. विभिन्न गौरवशाली पदों पर काम कर चुके  ऐसे अनेकों  महानुभाव  हैं  उन सबका  नाम लिखना यहाँ असंगत होगा.

 स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद  विभिन्न प्रदेशों में अब तक तीन  यदुवंशियों  को  राज्यपाल , दस को  मुख्यमंत्री  और एक को  लोकसभा स्पीकर  के रूप में पदासीन  होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है.  उनका विवरण नीचे दिया गया है:-

 मुख्यमंत्री-दिल्ली में :
1 . चौधरी ब्रह्मप्रकाश, दिल्ली के प्रथम मुख्यमंत्री (1952 से 1955 तक) 

मुख्यमंत्री-उत्तर प्रदेश में :
1 .राम नरेश यादव -----------(23 .6 .1977   से 27 .2 . 1979   तक ) 
2 .  मुलायम सिंह यादव -----(2 .12 .1989 से 24 .6 .1991 तक )
      मुलायम सिंह यादव----(4 .12 .1993 से 2 .6 .1995 तक   ) 
      मुलायम सिंह यादव-----(29 .8 .2003 से 12 .5 .2007 तक )
3    अखिलेश यादव...........(15.3.2012 

मुख्यमंत्री-बिहार में :
1 . वी.पी. मंडल ----------------1968
2 . दरोगाप्रसाद राय ----------(16 .2 .1970 से 22 .12 .1970 तक )
3 . लालू प्रसाद यादव--------(11 .3 .1990 से 24 .7 .1997 तक )
4. राबडी देवी -----------------(24 .7 . 1997 से 3 .3 .2000 तक ) 
    राबडी देवी----------------(11 .3 .2000  से 7 .3 .2005 तक  )

मुख्यमंत्री-मध्य प्रदेश में :
1 . बाबूलाल गौर --------2007

मुख्यमंत्री-हरियाणा में :
1 . राव वीरेन्द्र  सिंह 1967  


राज्यपाल -राजस्थान में
1.बलिराम भगत
 
राज्यपाल-गुजरात में
1.महीपाल शास्त्री 
 
राज्यपाल-मध्य प्रदेश में
1. राम नरेश यादव  

 लोकसभा स्पीकर:
1. बलिराम भगत 

 वर्तमान समय में मुलायम  सिंह यादव और उनके सुपुत्र अखिलेश यादव  ऐसे दो  महान व्यक्ति  हैं जिनका जिक्र आते ही यदुवंशियों का सीना  गर्व से फूल जता है. मुलायम सिंह यादव एक जाने माने सफल समाजवादी नेता है. उन्हें लोग प्यार से "नेताजी'"  कहते हैं. वे तीन बार उत्तर-प्रदेश के  मुख्यमंत्री तथा एक बार केंद्र में रक्षामंत्री रह चुके हैं. अपने पिताश्री के  पद-चिन्हों पर चलते हुए  अखिलेश यादव ने हाल ही  में हुए  उत्तर प्रदेश की विधान-सभा चुनाव में, युवा वर्ग के सहयोग से , अभूतपूर्व कारनामा कर दिखाया. विधान -सभा की 403  में 224 सीटें जीत कर उन्होंने सबको आश्चर्यचकित कर दिया.  15 मार्च, 2012  वे यदुकुल के दसवें मुख्यमंत्री बने. वे उत्तर प्रदेश के सबसे कम आयु वाले मुख्यमंत्री है. 

अखिलेश यादव बेदाग छबि, मृदुभाषी तथा प्रगतिशील विचारों वाले युवा नेता है. उनका जन्म 1 जुलाई, 1973 को उत्तर प्रदेश में  इटावा जिले के सैफई गाँव  में हुआ.  इनके पिता  का नाम मुलायम सिंह यादव  और माता का नाम मालती देवी है. इनका विवाह  1999  में डिम्पल यादव से हुआ. इनके  अदिति,   टीना और अर्जुन नाम वाले  तीन बच्चे  हैं.  इनके पिता एक जाने-माने  समाजवादी नेता हैं. भारतीय राजनीति  में उनका विशिष्ट स्थान है.   अखिलेश यादव की  प्रारंभिक शिक्षा  इटावा में तथा उच्च स्कूली शिक्षा मिलिटरी स्कूल धौलपुर राजस्थान से हुई.   इंजीनियरी में  स्नातक स्तर की पढाई मैसूर यूनिवर्सिटी  से  और आर्ट्स में  मास्टर डिग्री सिडनी यूनिवर्सिटी से उत्तीर्ण  किया.

अखिलेश यादव ने  वर्ष 2000 में   कन्नौज संसदीय क्षेत्र से मध्यावधि चुनाव जीत कर पहली बार लोकसभा में प्रवेश किया. तब से अब तक वे तीन बार लोक सभा के सदस्य चुने जा चुके हैं. वर्ष 2009 में अखिलेश जी ने कन्नौज और फिरोजाबाद दो संसदीय क्षेत्रो से जीत हासिल किया  परन्तु बाद मेंफिरोजाबाद  सीट से त्यागपत्र दे दिया और  कन्नौज लोकसभा सीट को कायम रखा.

अखिलेश जी  उत्साहित ,तेजस्वी और सही सोच-वाले युवा नेता हैं. उत्तर प्रदेश के पिछड़ेपन को दूर करके  विकास के उच्च शिखर पर ले जाने की उनकी  तीव्र  इच्छा भी  हैं. धार्मिक एवं जातिगत भावनाओं  से दूर रहकर वे सभी युवक-युवातियों को उन्नति के शिखर पर ले जाना चाहते है. उन्हें भली-भाँति मालुम है  कि  यह शुभ कार्य समाज के हर वर्ग को समान दृष्टि से देखते हुए तथा  न्याय के मार्ग पर  चलकर ही संभव है. मुख्यमंत्री   प्रदेश के  सभी नागरिकों का नेता होता है न कि किसी वर्ग विशेष का.  अतः उनके इस महान कार्य  को  सफल  बनने के लिए समाज के हर वर्ग से सहयोग की आवश्यकता है.

Monday 30 January 2012

राम शिव मूर्ति यादव को ‘अम्बेडकर रत्न अवार्ड 2011‘ सम्मान


उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित चारबाग के रवीन्द्रालय सभागार में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में प्रखर लेखक एवं समाज सेवी श्री राम शिव मूर्ति यादव को ‘अम्बेडकर रत्न अवार्ड 2011‘ से सम्मानित किया गया। उक्त समारोह में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष श्री रामदास आठवले ने श्री यादव को यह सम्मान प्रदान किया एवं अम्बेडकरवादी साहित्य को प्रोत्साहित करने एवं तत्संबंधी लेखन हेतु उनके कार्य-कलापों की प्रशंसा करते हुए उसे समाज के लिए अनुकरणीय बताया। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के 120 अम्बेडकरवादियों को सम्मानित किया गया।

उत्तर प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी पद से सेवानिवृत्ति पश्चात तहबरपुर-आजमगढ़ जनपद निवासी श्री राम शिव मूर्ति यादव एक लम्बे समय से शताधिक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में सामाजिक विषयों पर प्रखरता से लेखन कर रहे हैं। श्री यादव की ‘सामाजिक व्यवस्था एवं आरक्षण‘ नाम से एक पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है। आपके तमाम लेख विभिन्न स्तरीय पुस्तकों और संकलनों में भी प्रकाशित हैं। इसके अलावा आपके लेख इंटरनेट पर भी तमाम चर्चित वेब/ई/ऑनलाइन पत्र-पत्रिकाओं और ब्लाग्स पर पढ़े-देखे जा सकते हैं। श्री राम शिव मूर्ति यादव ब्लागिंग में भी सक्रिय हैं और ”यदुकुल” (www.yadukul.blogspot.com) ब्लॉग का आप द्वारा 10 नवम्बर 2008 से सतत संचालन किया जा रहा है।

इससे पूर्व आपको भारतीय दलित साहित्य अकादमी, नई दिल्ली ने सामाजिक न्याय सम्बन्धी लेखन एवं समाज सेवा के लिए ‘’ज्योतिबाफुले फेलोशिप सम्मान-2007‘‘, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ, इलाहाबाद ने विशिष्ट कृतित्व एवं समृद्ध साहित्य-साधना हेतु ‘‘भारती ज्योति’’ सम्मान एवं आसरा समिति, मथुरा ने ‘बृज गौरव‘, म0प्र0 की प्रतिष्ठित संस्था ‘समग्रता‘ शिक्षा साहित्य एवं कला परिषद, कटनी ने हिन्दी साहित्य सेवा के आधार पर वर्ष 2010 के लिए रचनात्मक क्षेत्र में सेवाओं के निमित्त ”भारत-भूषण“ की मानद उपाधि से अलंकृत किया है।

ओम प्रकाश यादव को संजय चोपड़ा अवार्ड

 

चार सितंबर 2010 का वह भयावह दिन.. आजमगढ़ जनपद में रास्ते में वैन में लगी गैस किट में शॉर्ट सर्किट की वजह से शोला बनी स्कूली वैन में बच्चे चीख रहे थे। किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था क्या करें। चालक बच्चों को बचाने की बजाय गेट खोलकर भाग गया। इसी बीच आग ने पूरी वैन को चपेट में ले लिया। इन्हीं बच्चों के बीच वाहन में फंसे कक्षा 7 के छात्र ओमप्रकाश यादव ने जान बचाकर भागने की बजाय साहस का परिचय दिया और आठ बच्चों को सकुशल बाहर निकाला और ऐसा करने के दौरान वह 70 प्रतिशत तक जल गए थे। तीन माह तक वह अस्पताल में जीवन और मौत से संघर्ष कर रहा था। इस दौरान उसकी पढ़ाई भी बाधित हो गयी। खास बात यह हैं कि उसके एक हाथ की प्लास्टिक सर्जरी की भी जरुरत है। वहीं उसके शरीर के घाव अभी तक नहीं भरे हैं. अब उसे इस वीरता के लिए गणतंत्र दिवस प्रधानमंत्री द्वारा संजय चोपड़ा अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। ओमप्रकाश यादव को जब बताया गया कि उसे प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से मिलने का मौका मिलेगा, तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दूसरों की जान बचाने के लिए दाहिना हाथ और चेहरा झुलसा लेने वाले ओम प्रकाश का कहना है कि प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान इलाज के लिए कहेगा। हादसे के डेढ़ साल बीत चुके हैं, लेकिन उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह जख्मी अंगों की प्लास्टिक सर्जरी करा पाए। ओम प्रकाश यादव ने कहा, "मैं काफी गर्व का अनुभव करता हूं क्योंकि मैंने अपने स्कूल के साथियों का जीवन बचाया। मैं प्रधानमंत्री के हाथों राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार पाने को लेकर काफी खुश हूं। मेरा संदेश है कि लोगों को एक-दूसरे की सहायता करनी चाहिए।"

ओमप्रकाश यादव मूलत: आजमगढ़ के बिलरियागंज क्षेत्र के बगवार गांव के निवासी हैं. उनके पिता लालबहादुर एक साधारण किसान हैं। परिवार में तीन बहनें हैं। उनका कहना है कि जिस समय यह घटना हुई उस वक्त तो उनको कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि हे भगवान अब क्या होगा। आज जब उनका बेटा सकुशल उनके साथ है तो काफी खुशी है। अब खुशी इस बात की और है कि उनके पुत्र के साहस को सरकार ने समझा और वीरता पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया। ओमप्रकाश की मां संध्या देवी ने कहा कि साहस का सम्मान तो होना ही चाहिए। गाँव के प्रधान अली अख्तर उर्फ मोती जिन्होंने घटना के समय अपने सहयोगियों के साथ गंभीर रुप से झुलसे बच्चों का अपने वाहन से जिला अस्पताल में भर्ती कराया उनका कहना है कि सच्चे मायने में ओमप्रकाश बहादुर है। इसकी जितनी भी तारीफ की जाय कम है।

Saturday 28 January 2012

राजनांदगांव की फूलबासन यादव को पद्मश्री


राजनांदगांव जिले के ग्राम छुरिया में 1971 में फूलबासन यादव का जन्म पिता श्री झडीराम यादव एवं माता श्रीमती सुमित्रा बाई के घर हुआ। घर की पारिवारिक स्थिति आर्थिक रूप से कमजोर थी। बड़ी मुश्किल से उन्होंने कक्षा 7वीं तक शिक्षा हासिल की। मात्र 12 वर्ष की उम्र में उनका विवाह ग्राम सुकुलदैहान के चंदूलाल यादव से हुआ। भूमिहीन चंदूलाल यादव का मुख्य पेशा चरवहा का है। गांव के लोगों के पशुओं की चरवाही और बकरीपालन उनके परिवार की जीविका का आज भी आधार है। वर्ष 2001 में तत्कालिन कलेक्टर श्री दिनेश श्रीवास्तव की पहल पर राजनांदगांव जिले में महिलाओं को एकजुट करने एवं उन्हें जागरूक बनाने के उद्देश्य से गांव-गांव में मां बम्लेश्वरी स्व.-सहायता समूह का गठन प्रशासन द्वारा शुरू किया गया। 2001 में इस अभियान से प्रेरित एवं कलेक्टर श्री श्रीवास्तव के प्रोत्साहन पर श्रीमती फूलबासन यादव ने अपने गांव सुकुलदैहान में 10 गरीब महिलाओं को जोड़कर प्रज्ञा मां बम्लेश्वरी स्व-सहायता समूह का गठन किया। महिलाओं को आगे बढ़ाने एवं उनकी भलाई के लिए निरंतर जद्दोजहद करने वाली फूलबासन यादव ने इस अभियान में सच्चे मन से बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। अभियान के दौरान उन्हें गांव-गांव में जाकर महिलाओं को जागरूक और संगठित करने का मौका मिला। अपनी नेक नियति और हिम्मत की बदौलत श्रीमती यादव ने इस कार्य में जबर्दस्त भूमिका अदा की। देखते ही देखते राजनांदगांव जिले में मात्र एक साल की अवधि में 10 हजार महिला स्व-सहायता समूह गठित हुए और इससे डेढ़ लाख महिलाएं जुड़ गई। महिलाओं ने एक दूसरे की मदद का संकल्प लेने के साथ ही थोड़ी-थोड़ी बचत शुरू की । देखते ही देखते बचत की स्व-सहायता समूह की बचत राशि करोड़ों में पहुंच गई। इस बचत राशि से आपसी में लेने करने की वजह से सूदखोरों के चंगुल से छुटकारा मिला। बचत राशि से स्व-सहायता समूह ने सामाजिक सरोकार के भी कई अनुकरणीय कार्य शुरू कर दिए, जिसमें अनाथ बच्चों की शिक्षा-दीक्षा, बेसहारा बच्चियों की शादी, गरीब परिवार के बच्चों का इलाज आदि शामिल है। श्रीमती यादव ने सूदखोरों के चंगुल में फंसी कई गरीब परिवारों की भूमि को भी समूह की मदद से वापस कराने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की।

Tuesday 10 January 2012

मेधावी श्रवण यादव ने बढ़ाया गौरव

बतौली. गायत्री परिवार से संबंद्ध नगर के मेधावी छात्र श्रवण यादव ने राष्ट्रीय योग्यता निर्माण आनलाइन परीक्षा में पूरे भारत में पांचवा स्थान अर्जित कर नगर एवं गायत्री परिवार का गौरव बढ़ाया है. ग्रामीण परिवेश में पले बढ़े सोलह वर्षीय मेधावी श्रवण बतौली के श्री हरिप्रसाद यादव के सुपुत्र हैं. पांचवी तक सशिमं बतौली में अध्ययन
उपरांत शांतिकुंज हरिद्वार के सहयोग जेएलएम गायत्री विद्यापीठ में माध्यमिक व हायरसेकेण्ड्री कक्षाओं में अपनी बौद्धिक क्षमता का लोहा मनवाते रहे. उन्होंने गायत्री परिवार की राष्ट्रीय प्रतिभा खोज स्पर्धा में अव्वल होने के साथ लायंस टाप टेन, भारतीय संस्कृति
ज्ञान परीक्षा में अव्वल स्थान हासिल किया. साथ ही दसवी बोर्ड में स्वर्ण पदक के साथ विद्यालय में लगातार चार वर्षों तक प्रथम स्थान हासिल किया. इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पियाड मैथ्स में टाप 100 में रहे. मेधावी श्रवण के पिता श्री हरिप्रसाद यादव गायत्रीविद्यापीठ भटको बतौली से संबंद्ध हैं.

Sunday 8 January 2012

जीवन परिचय श्री रामनरेश यादव

जीवन परिचय महामहिम राज्यपाल, मध्यप्रदेश श्री रामनरेश यादव का जन्म एक जुलाई 1928 ई. को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़, जिले के गांव आंधीपुर(अम्बारी) में एक साधारण किसान परिवार में हुआ। आपका बचपन खेत-खलिहानों से होकर गुजरा। आपकी माता श्रीमती भागवन्ती देवी जी धार्मिक गृहिणी थीं और पिता श्री गया प्रसाद जी महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और डा. राममनोहर लोहिया के अनुयायी थे। आपके पिताजी प्राइमरी पाठशाला में अध्यापक थे तथा सादगी और ईमानदारी की प्रतिमूर्ति थे। श्री यादव को देशभक्ति, ईमानदारी और सादगी की शिक्षा पिताश्री से विरासत में मिली है। आपका भारतीय राजनीति में विशिष्ट स्थान है। आप कर्मयोगी और जनप्रिय नेता हैं। स्वदेशी एवं स्वावलंबन आपके जीवन का आदर्श है। आपके बहुमुखी कृतित्व एवं व्यक्तित्व के कारण आप बाबूजी'' के नाम से जाने जाते हैं। श्री रामनरेश यादव का विवाह सन् 1949 में श्री राजाराम यादव निवासी ग्राम-करमिसिरपुर (मालीपुर) जिला-अम्बेडकर नगर (उ.प्र.)की सुपुत्री सुश्री अनारी देवी जी ऊर्फ शांति देवी जी के साथ हुआ। आपके तीन पुत्र और पांच पुत्रियां हैं। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा गांव के विद्यालय में हुई और आपने हाईस्कूल की शिक्षा आजमगढ़ के मशहूर वेस्ली हाई स्कूल से प्राप्त की। इन्टरमीडिएट, डी.ए.वी. कालेज, वाराणसी से और बी.ए., एम.ए. और एल.एल.बी. की डिग्री काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी से प्राप्त की। उस समय प्रसिद्ध समाजवादी चिन्तक एवं विचारक आचार्य नरेन्द्र देव काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति थे। विश्वविद्यालय के संस्थापक एवं जनक पंडित मदनमोहन मालवीय जी के गीता पर उपदेश तथा भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं तत्कालीन प्रोफेसर डॉ. राधाकृष्णन के भारतीय दर्शन पर व्याख्यान की गहरी छाप आप पर विद्यार्थी जीवन में पड़ी। श्री यादव ने स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात वाराणसी में चिन्तामणि एंग्लो बंगाली इन्टरमीडिएट कालेज में प्रवक्ता के पद पर तीन वर्षों तक सफल शिक्षक के रूप में कार्य किया। आप पट्टी नरेन्द्रपुर इंटर कालेज जौनपुर में भी कुछ समय तक प्रवक्ता रहे। कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद सन् 1953 में आपने आजमगढ़ में वकालत प्रारम्भ की और अपनी कर्मठता तथा ईमानदारी के बल पर अपने पेशे तथा आम जनता में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया। श्री यादव ने छात्र जीवन से समाजवादी आन्दोलन में शामिल होकर अपने राजनीतिक एवं सामाजिक जीवन की शुरूआत की। आजमगढ़ जिले के गांधी कहे जाने वाले बाबू विश्राम राय जी का आपको भरपूर सानिध्य मिला। श्री यादव ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और डाक्टर रामनोहर लोहिया के विचारों को अपना आदर्श माना है। आपने समाजवादी विचारधारा के अन्तर्गत विशेष रूप से जाति तोड़ो, विशेष अवसर के सिद्धान्त, बढ़े नहर रेट, किसानों की लगान माफी, समान शिक्षा, आमदनी एवं खर्चा की सीमा बांधने, वास्तविक रूप से जमीन जोतने वालों को उनका अधिकार दिलाने, अंग्रेजी हटाओ आदि आन्दोलनों को लेकर अनेकों बार गिरफ्तारियां दीं। आपातकाल के दौरान आप मीसा और डी.आई. आर के अधीन जून 1975 से फरवरी 1977 तक आजमगढ़ जेल और केन्द्रीय कारागार नैनी इलाहाबाद में निरूद्ध रहे। आप अपने राजनीतिक एवं सामाजिक जीवन में विभिन्न दलों एवं संगठनों तथा संस्थाओं से संबद्ध रहे। राज्यसभा सदस्य तथा संसदीय दल के उपनेता भी रहे। आप अखिल भारतीय राजीव ग्राम्य विकास मंच, अखिल भारतीय खादी ग्रामोद्योग कमीशन कर्मचारी यूनियन और कोयला मजदूर संगठन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में ग्रामीणों और मजदूर तबके के कल्याण के लिये लम्बे समय तक संघर्षरत रहे। बनारस हिन्दु विश्वविद्यालय में एक्सिक्यूटिव कॉसिंल के सदस्य भी थे। अखिल भारतीय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओ.बी.सी.) रेलवे कर्मचारी महासंघ के आप राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, और आप जनता इंटर कालेज अम्बारी आजमगढ़ (उ.प्र.) के प्रबंधक हैं तथा अनेकों शिक्षण संस्थाओं के संरक्षक भी हैं तथा गांधी गुरूकुल इन्टर कालेज भंवरनाथ, आजमगढ़ के प्रबंध समिति के अध्यक्ष भी हैं। श्री रामनरेश यादव 23 जून 1977 को उत्तरप्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री निर्वाचित हुए। मुख्यमंत्रित्व काल में आपने सबसे अधिक ध्यान आर्थिक, शैक्षणिक तथा सामाजिक दृष्टि से पिछड़े लोगों के उत्थान के कार्यों पर दिया तथा गांवों के विकास के लिये समर्पित रहे। आपने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों के अनुरूप उत्तरप्रदेश में अन्त्योदय योजना का शुभारम्भ किया। श्री यादव सन् 1988 में संसद के उच्च सदन राज्यसभा के सदस्य बने एवं 12 अप्रैल 1989 को राज्यसभा के अन्दर डिप्टी लीडरशिप,पार्टी के महामंत्री एवं अन्य पदों से त्यागपत्र देकर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। आपने मानव संसाधन विकास संबंधी संसदीय स्थायी समिति के पहले अध्यक्ष के रूप में आपने स्वास्थ्य, शिक्षा और संस्कृति के चहुंमुखी विकास को दिशा देने संबंधी रिपोर्ट सदन में पेश की। केन्द्रीय जन संसाधन मंत्रालय के अंतर्गत गठित हिन्दी भाषा समिति के सदस्य के रूप में आपने महत्वपूर्ण योगदान दिया। वित्त मंत्रालय की महत्वपूर्ण नारकोटिक्स समिति के सदस्य के रूप में सीमावर्ती राज्यों में नशीले पदार्थों की खेती की रोकथाम की पहल की। प्रतिभूति घोटाले की जांच के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य के रूप में आपने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। पब्लिक एकाउंट कमेटी (पी.ए.सी.), संसदीय सलाहकार समिति (गृह विभाग), रेलवे परामर्शदात्री समिति और दूरभाष सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में आप कार्यरत रहे। आप कुछ समय तक कृषि की स्थाई संसदीय समिति के सदस्य तथा इंडियन काँसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च की जनरल बाडी तथा गवर्निंग बाडी के सदस्य भी रहे। आपका लखनऊ में अम्बेडकर विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने में काफी योगदान था। श्री रामनरेश यादव ने सन् 1977 में आजमगढ़ (उ.प्र.) से छठी लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया। आप 23 जून 1977 से 15 फरवरी 1979 तक उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। आपने 1977 से 1979 तक निधौली कलां (एटा) का विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया तथा 1985 से 1988 तक शिकोहाबाद (फिरोजाबाद) से विधायक रहे। श्री यादव 1988 से 1994 तक (लगभग तीन माह छोड़कर) उत्तरप्रदेश से राज्यसभा सदस्य रहे और 1996 से 2007 तक फूलपुर(आजमगढ़) का विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया। आपने दिनांक 8 सितम्बर 2011 को अपरान्ह 01.15 बजे मध्यप्रदेश के राज्यपाल पद की शपथ ग्रहण की। सम्प्रति श्री रामनरेश यादव मध्यप्रदेश के राज्यपाल हैं।

Friday 6 January 2012







डॉ. सोमनाथ यादव
अध्यक्ष
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग छत्तीसगढ़
 
डॉ. सोमनाथ यादव
अध्यक्ष
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग छत्तीसगढ़
 


डॉ. सोमनाथ यादव
अध्यक्ष
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग छत्तीसगढ़