Tuesday 27 September 2011

यादव समाज में फूट डालने से रोकने सलवा जुडूम अभियान-यदु

मुंगेली. गौ हत्या बंद होना चाहिए अभी प्रतिमाह लगभग 1$50 गायें छत्तीसगढ़ से बूचड़ खाना चोरी छिपे ले जायी जा रही है.  यादवों की पारंपरिक कला रावत नाच एवं बांस गीत के लिए छ$ग$ शासन की आेर से पुरस्कारों की घोषणा कर इन कलाआें को विलुप्त होने से रोका जा सकता है.  ये बातें पत्रकारों से बातचीत में गौसेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं यादव समाज के प्राताध्यक्ष रमेश यदु ने कही.
यदु ने अपने एक दिवसीय मुंगेली प्रवास के दरम्यान एक पत्रकार वार्ता में यादव समाज छत्तीसगढ़ संगठन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यादव समाज का यही ध्येय है कि छत्तीसगढ़ के समस्त यादवों का चहुमखी विकास को परिभाषित करते हुए श्री यदु ने कहा कि जनसंख्या के अनुपात में यादवों को एक बहुत बड़ा वोट बैंक माना जाता है किंतु उन्हें मूलभूत उनकी
आवश्यकताआें के अनुसार शासन द्वारा प्राथमिकता नहीं दी जा रही है जिसमें
यादव जाति अपने पैतृक व्यवसाय पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में
पिछड़ गया है जिसमें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भरता में कमजोरी देखी जा रही
है.
श्री युद ने कहा कि यादव समाज का यह मानना है कि जैसे अन्य जातियों में
जिसमें प्रमुख रूप से केंवट, बुनकर, धोबी, नाई, मरार, बसोंड़, आदि अन्य
जाति है. जिन्हें राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए
प्राथमिकता पूर्ण व्यवसाय में रियायत एवं उनकी सुविधाएं विशेष तौर पर प्रदान
की है.  श्री यदु ने पत्रकारों के यह पूछे जाने पर कि यादवों के लिए शासन से
वे किस तरह की सुविधएं चाहते हैं.  इस पर श्री यदु ने कहा कि यादव समाज
के उत्थान के लिए तीन सूत्रीय मांग राज्य सरकार के समक्ष रखी गई है जिसमें
मुख्य रूप से वनांचल क्षेत्र वर्षों से निवासरत् यादवों को उनके कब्जा भूमि का
पट्टा, डेयरी उद्योग को प्राथमिकता के आधार पर यादव समाज को प्रदान करते
हुए दिए गए ऋण पर 50 प्रतिशत की छूट तथा चरवाहों को कोटवारों के
समकक्ष सुविधा शामिल है.  शासन से मांग की गई है अगर शासन उपरोक्त
मांगों को पूर्ण नहीं करती है तो उस स्थिति में आगामी 23 दिसंबर 2011 को
छ$ ग. के सभी जिला मुख्यालयों पर यादव संघटन द्वारा सांकेतिक  रूप से एक
दिवसीय धरना माध्यम से छ$ ग$ शासन के मुख्यमंत्री जी के नाम ज्ञापन संबंधित
जिल के जिला कलेक्टरों को सौंपा जावेगा.
पत्रकारों ने पूछा कि समाज के द्वारा शासन से मांगी गई मांगें का क्या पर्याप्त
है? के जवाब में श्री यदु ने कहा कि यादव जाति की 70 प्रतिशत आबादी
वनांचल क्षेत्र में निवास करती है जिनके समक्ष भू अधिकार की भयावह
समस्या है.  दूसरा दुग्ध एवं पशुपालन व्यवसाय में दिए जाने वाले ऋण की
प्रक्रिया कठिन होने के साथ रियायत में भी बहुत कम है.  हम चाहते है कि
यादवों को हम से कम इस व्यवसाय में पूर्ण प्राथमिकता देने के साथ ही उनके
लिए नई योजना का निर्माण किया जाना चाहिए.
समाज में व्याप्त अशिक्षा के प्रश्न में कहा कि पहले की अपेक्षा समाज में
जागृति आई है लोगो में अपने बच्चों को शिक्षित करने रूचि देखी जा रही है.
राजनीतिक क्षेत्र में अपेक्षा से कम यादवों के प्रतिनिधित्व के सवाल पर श्री यदु
ने कहा कि हमारा प्रतिनिधित्व नि:संदेह जनसंख्या के अनुपात में बहुत कम है
किन्तु नेतृत्व क्षमता का अभाव यादवों में नही है.  सभी राजनीतिक दलों में
प्रतिभाशाली, योग्य यादव नेता है किन्तु उनका स्तेमाल राजनेता अपनी रोटी
सेंकने के लिए करते है.  वहीं यादवों की एकजुटता में फूट डालकर उन्हें
राजनीतिक प्रतिनिधित्व करने से रोकते है.
श्री यदु ने कहा कि इसी विसंगति को समाप्त करने के लिए यादव में भी
सलवा जुडूम अभियान चलाया जा रहा है जिसका आने वाले समय मेें एक
अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा. अंत में यदु ने बताया कि यादव समाज के
संरक्षक के रूप में हमें अनुभवी व्यक्ति बिसरा राम यादव प्रांत संघ चालक
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का पूर्ण मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा हैै. वहीं साथ-साथ छ$
ग$ शासन के जल संसाधन मंत्री हेमचंद यादव व राजनांदगांव लोकसभा के
युवा विधायक मधूसूदन यादव का भी यादव समाज छ$ ग. को महती योगदान
मिल रहा है.

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