लोकतंत्र में राजनीति सत्ता को निर्धारित करती है। राजनीति में सशक्त भागीदारी ही अंतोगत्वा सत्ता में परिणिति होती है। आजादी पश्चात से ही यदुवंशियों ने राजनीति में प्रखर भूमिका निभाना आरम्भ कर दिया। भारत के संविधान निर्माण हेतु गठित संविधान सभा के सदस्य रूप में लक्ष्मी शंकर यादव (उ0प्र0) और भूपेन्द्र नारायण मंडल (बिहार) ने अपनी भूमिका का निर्वाह किया। लक्ष्मी शंकर यादव बाद में उत्तर प्रदेश सरकार में कैबेनेट मंत्री एवं उ0प्र0 कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे। संयुक्त प्रांत (अब उ0प्र0) के प्रथम यादव विधायक ठाकुर भारत सिंह यादवाचार्य (1937) रहे। भारत में यादवों का राजनीति में पदार्पण आजादी के बाद ही आरम्भ हो चुका था, जब शेर-ए-दिल्ली एवं मुगले-आजम के रूप में मशहूर चै0 ब्रह्म प्रकाश दिल्ली के प्रथम मुख्यमंत्री (1952-1956) बने थे। तब से अब तक भारत के विभिन्न राज्यों में 9 यादव मुख्यमंत्री पद पर आसीन हो चुके हैं। हरियाणा में 1857 की क्रान्ति का नेतृत्व करने वाले राव तुलाराम के वंशज राव वीरेन्द्र सिंह हरियाणा के द्वितीय मुख्यमंत्री (24 मार्च 1967-2 नवंबर 1967) रहे। उत्तर प्रदेश में राम नरेश यादव (23 जून 1977-27 फरवरी 1979) व मुलायम सिंह यादव (5 दिसम्बर 1989-24 जून 1991, 4 दिसम्बर 1993-3 जून 1995, 29 अगस्त 2003-13 मई 2007), बिहार में बी0पी0मण्डल (1 फरवरी 1968-02 मार्च 1968), दरोगा प्रसाद राय (16 फरवरी 1970-22 दिसम्बर 1970), लालू प्रसाद यादव (10 मार्च 1990-03 मार्च 1995 एवं 4 अप्रैल 1995-25 जुलाई 1997), राबड़ी देवी (25 जुलाई 1997-11 फरवरी 1999, 9 मार्च 1999-1 मार्च 2000 एवं 11 मार्च 2000-6 मार्च 2005) एवं मध्य प्रदेश में बाबू लाल गौर (23 अगस्त 2004-29 नवंबर 2005) मुख्यमंत्री पद को सुशोभित कर यादव समाज को गौरवान्वित किया। प्रथम महिला यादव मुख्यमंत्री होने का गौरव राबड़ी देवी (बिहार) को प्राप्त है। सुभाष यादव मध्य प्रदेश के तो सिद्धरमैया कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री रहे। यादव राज्यपालों में गुजरात में महिपाल शास्त्री (2 मई 1990- 21 दिसंबर 1990) एवं हिमाचल प्रदेश व राजस्थान में बलिराम भगत (क्रमशः 11 फरवरी 1993-29 जून 1993 व 20 जून 1993-1 मई 1998) रहे हंै।
प्रान्तीय राजनीति के साथ-साथ यदुवंशियों ने केन्द्रीय राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अंतरिम लोकसभा (1950) के सदस्य रूप में बलिराम भगत (बिहार) चुने गए तो प्रथम लोकसभा में चै० बदन सिंह (कांग्रेस, बदायूं, उ0प्र0), चै० रघुबीर सिंह (कांग्रेस, मैनपुरी, उ0प्र0), बलिराम भगत (कांगे्रस, बिहार) व जयलाल मंडल (कांगे्रस, बिहार) निर्वाचित हुए। यदुवंश से बलिराम भगत को लोकसभा अध्यक्ष बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ तो श्यामलाल यादव राज्यसभा के उपसभापति रहे। चै0 ब्रह्म प्रकाश, राव वीरेन्द्र सिंह, देवनंदन प्रसाद यादव, चन्द्रजीत यादव, श्याम लाल यादव, मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव, शरद यादव, हुकुमदेव नारायण यादव, बलराम सिंह यादव, बलिराम भगत, कर्नल राव राम सिंह, राम लखन सिंह यादव, सुरेश कलमाड़ी, सतपाल सिंह यादव, कांती सिंह, देवेन्द्र प्रसाद यादव, जय प्रकाश यादव, राव इन्द्रजीत सिंह इत्यादि तमाम यदुवंशी राजनेताओं ने केन्द्रीय मंत्रिपरिषद का समय-समय पर मान बढ़ाया है। वर्तमान में केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में एक मात्र यदुवंशी अरूण यादव, भारी उद्योग और सार्वजनिक मंत्रालय के राज्यमंत्री हैं। लालू प्रसाद यादव, मुलायम सिंह यादव एवं शरद यादव क्रमशः राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी तथा जनता दल (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं तो मुलायम सिंह के सुपुत्र अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में सपा अध्यक्ष का पद सम्भाले हुए हैं।
वर्तमान 15वीं लोकसभा में कुल 21 यादव सांसद हैं। यहाँ लिखना मुनासिब होगा कि 15वीं लोकसभा चुनाव के बाद राजनीति में यादवों की पकड़ कमजोर हुई है और यदि वक्त रहते निष्पक्षता से इसका उत्तर नहीं ढूंढ़ा गया तो आगामी पीढ़ियों को एक गलत संदेश जायेगा।
हर पार्टी में यादव प्रत्याशी को जिताना चाहिए।केवल एसपी आरजेडी के चक्कर हमारे लिए घातक सिद्ध हो रहा है।
ReplyDeleteRight
Deleteमैं आपकी बात से सहमत हूँ
Deleteजब मैं यही बात कहता हूँ तो सब मुझे यादव विरोधी कहते हैं
लेकिन बीजेपी वाले तो मौका ही नहीं देता है
Deleteयादवों को अपनी हर पार्टी में अपनी पकड़ रखनी चाहिए।। तभी राजनितिक सत्ता हासिल कर सकते हैं। अन्यथा पिछले ही रहेगे।
ReplyDeleteराजनीत में कोई भी नेता हो उसे जाती से ऊपर उठ कर सोचना चाहिए और उसे समाज को एक सही व्यवस्था करानी चाहिये
ReplyDeleteपटेल बादशाह
Deleteराजनीत में कोई भी नेता हो उसे जाती से ऊपर उठ कर सोचना चाहिए और उसे समाज को एक सही व्यवस्था करानी चाहिये
ReplyDeleteराजनीत में कोई भी नेता हो उसे जाती से ऊपर उठ कर सोचना चाहिए और उसे समाज को एक सही व्यवस्था करानी चाहिये
ReplyDeleteRitesh kumar yadav
ReplyDeleteSandeep yadav vill shaympur post moharia ps dansoi dist buxar bihar RJD genda bad lalu yadav genda bad
ReplyDeleteअमित यादव थुलेंदी रायबरेली यूपी अखिलेश भईया जिंदाबाद जय समाजवाद💪
ReplyDeleteJay samajwad
DeleteRAMASHISH YADAV
ReplyDeleteI think it depends on my leaders
ReplyDeleteJai yadav jai madhav
ReplyDeletePrince kumar yadav
ReplyDeleteTinsks
ReplyDeleteYadav 1 brand h use bnaye rkhe
ReplyDeleteBaban yadav nainijorha
ReplyDeleteYadav ko apna itihas parna cahie
ReplyDeleteYadav is great
ReplyDeleteयादवों का इतिहास गौरवशाली रही है इसे अक्षुण्ण रखने के लिए नई पीढ़ी को धैर्यवान,सौर्यवान ,पराकर्मी,यसस्वी तेजस्वी, नान्यायप्रिय एवं साहसिक चरित्र अपनानी होगी Er Arun Yadav. Laksha,Supaul ,Bihar
ReplyDeleteJay samajwad
ReplyDeleteFirst chief minister of West Bengal esteemed Prafful Chandra Ghosh was great Yadavas community.
ReplyDeleteयादवो का जलवा सिर्फ भारत ही नही विदेशो मे भी कायम है
ReplyDeleteहम यादवो(यदुवंशियों) की पहचान किस्से है कृपया ये बताने की कृपा करें श्रीमान🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteJay yadav jay madhav
ReplyDeleteजय श्री कृष्णा जय यदुवंश
ReplyDeleteJai shree Krishna
ReplyDeleteJai hind jai yaduwans
एक समय ऐसा आयेगा की भारत में यदुवंश राज्य होगा
ReplyDeleteI hope yadubanshi prime minister sitting early. ANIL KUMAR YADAV. DELHI
ReplyDeleteys
ReplyDeleteGyanendra Pratap Yadav
ReplyDeleteGyanendra Pratap Yadav jila schiv smajwadi parti mjdur sbha sitapur up
ReplyDeleteYadavo ko ek ho kar apne smaj ka vikas karna hoga
ReplyDeleteYadav Ji ka itihas akhand hai
ReplyDeleteपश्चिम बंगाल के प्रथम मुख्यमंत्री प्रफुल्ल चन्द्र घोष का जिक्र नहीं किया गया दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं।
ReplyDeleteJai yadav
ReplyDeleteBilkul bhsiya
ReplyDeleteBilkul sahi bhaiya
ReplyDeleteJay Yadav jay Madhav
ReplyDeleteManoj kumar Yadav U.P.51 Ayodhya Basti
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ReplyDeleteManoj kumar Yadav U.P.51 Ayodhya Basti 9648558185
Tejpratap yadav.sagar.madhay pradash
ReplyDeleteJay yadav
ReplyDeletePm yadav is Akhilesh Yadav yah fir Tejaswi Yadav btao dosto
ReplyDeleteSonu yadav
ReplyDeleteबंगाल का पर्थम मुखमंत्री यादव ही थे यह डाटा गलत है।
ReplyDeleteGjb
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